आज सुबह घूमने निकले तो मिटटी लाते हुए एक अम्मा मिली। डंडा टेक कर चली रही थी। आधी कटटी मिटटी खोदकर किसी तरह परिश्रम से ला रही थी। मैंने पूछा अम्मा क्या करोगी मिटटी का। बोली पेड़—पौधे, बेला लगाउंगी। सब्जी भाजी उगाउंगी। इस अम्मा को यह भी नहीं पता कि आज पर्यावरण दिवस है, पर उसका लगाव अच्छा लगा। अम्मा पेड़ पौधों को जिंदा रखेगी, पेड़ पौधे अम्मा की सेहत बनाए रखने में मदद करेंगे।
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