होशंगाबाद जिले के एक गांव हिरनखेड़ा में जन्म, जहां राष्ट्रकवि माखनलाल चतुर्वेदी ने गुरूकुल और स्वतंत्रता संग्राम की गुप्त गतिविधियों के केन्द्र सेवा सदन की स्थापना की थी। अपने गांव से ही संपादक के नाम पत्रलेखन से पत्रकारिता, लेखन और साहित्यिक, सामाजिक गतिविधियों में झुकाव।
गांव से ही हस्तलिखित त्रैमासिक बाल पत्रिका बालप्रयास शुरू की चार साल तक इसका संपादन किया। एकलव्य के साथ जुड़कर बालगतिविधि केन्द्र बालसमूह का संचालन। खेती-किसानी पर काम कर रही संस्था ग्राम सेवा समिति के साथ जुड़ाव व लेखन कार्यशालाओं में सक्रिय भागीदारी। अपने आसपास के मुद्दों पर पत्रलेखन के माध्यम से मुहिम चलाई, इससे कई मुद्दों को हल भी किया गया।
पत्रकारिता में औपचारिक पढ़ाई के लिए माखनलाल राष्ट्रीय पत्रकारिता विवि में दाखिला लिया, प्रथम श्रेणी में डिग्री हासिल की। देशबंधु, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर व राजस्थान पत्रिका भोपाल में रिपोर्टिंग और डेस्क की जिम्मेदारी संभाली।
दैनिक भास्कर डाॅट काॅम के छत्तीसगढ़ हेड के रूप में तीन साल तक जिम्मेदारी निभाई। इन दिनों भोपाल में खबर एनडीटीवी के लिए तीन साल लेखन. सामाजिक शोध संस्था विकास संवाद के साथ जनसरोकार के मुद्दों पर जमीनी काम कर रहे हैं। सामाजिक विषयों पर दस किताबों का संपादन।
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