बचपन से ही लुभाती है मुझे सिलाई मशीन
सोचती हूं इस छोटी सी मशीन से आखिर
कैसे हो जाते हैं इतने काम !
एक लय में, एक जैसे सुरों के साथ
दिलचस्प है इसका संगीत
केवल एक मशीन भर नहीं है यह
जिंदगी का ताना-बाना भी बुनती है
संजीदगी से
पुराने शहर का एसके टेलर्स भी
दावा करता है
निश्चित ही हर घर में मौजूद है
एक न एक सिलाई मशीन
सिलाई मशीन 2
आज मेरी मशीन भी आ गई
मेरे सपनों को मिला है आकार आज
बाकी सपने भी बुनूंगी अब इसके सहारे
हां ये अलग बात हे कि
थोड़ा-थोड़ा ही सिलना जानती हूं अभी
पर उस दिन जब टेलर चाचा ने
मुझे सिखाए थे कुछ कटिंग टिप्स
और उसके बाद आड़ी तिरछी
धीमी-तेज गति से
चलाई थी पहली बार सिलाई मशीन
सच मानिए
और तीव्र हो गई थी चाहत
तेज, तेज और तेज
सिलाई मशीन चलाने की इच्छा
मशीन दौड़ने के साथ ही
जिंदगी की गाड़ी भी दौड़ रही थी
दोगुनी गति से
यह कठिन था कि केवल मेरे कहने पर
पिताजी ला सकते सिलाई मशीन
पर हां, वादा तो किया था,
फसल आने का
पांच-पांच, दस, दस रूपए की बचत
और स्कूल से मिले स्कॉलर के पैसों को मिलाकर
आज आ ही गई
मेरी सिलाई मशीन
मेरी प्यारी सिलाई मशीन
सिलाई मशीन 3
अब केवल पढ़ाई ही नहीं है मेरे एजेंडे में
पिताजी को दिखाना भी है
घर में सिलाई मशीन होन का मतलब
इसके बावजूद कि रसोई,
और घर के दूसरे काम भी हैं मेरे जिम्मे
पर मेरी प्राथमिकता में तो
पहले सिलाई मशीन है ना
शून्य से शुरूआत कर
टाज जबकि बढ़ती ही जा रही है मेरी गति
तारीफ भी कर रही हैं
मोहल्ले की अम्मां और चाचियां
हां, मेरी चर्चा हो रही है पूरे गांव में
यही कि बहुत अच्छे कपड़े सिलते है वह
चाहे बंद गले का ब्लाउज हो
या लो कट नया स्टाइल
हर दिन नए प्रयोग
हर कपड़े को बस नया आकार देने की कोशिश
चलती है दिमाग में
इन आकारों से मेरे जीवन को मिल रहा है आकाश
शायद पिताजे के माथे से भी
अब इस बात का अफसोस हो गया है गायब
कि क्यों बड़ी रकम खर्च कर
बिटिया को दिलाई सिलाई मशीन।
सिलाई मशीन 4
आज घर में आ गई है
एक और सिलाई मशीन
जरूरत नहीं थी
बहुत अच्छी चल रही थी
मेरी सिलाई मशीन
पर चार साल पुरानी मशीन
दहेज में नहीं दे सकते पिताजी
बाजू-बाजू में रखी मशीन में
फर्क जानती हूं मैं
एक से सपने बुने मैंने आजादी से
दूसरी से बुनना है बंदिशों में रहकर
- राकेश मालवीय
3 टिप्पणियाँ
bat to ek hi hai chahe kapde buno ya sapne. bus samjhne samjhne ka fark hai.