पहला चित्र सतना जिले के केंद्र का है. सतना जिले में दस्तक अभियान के माध्यम से कुपोषित बच्चों की पहचान करके उन्हें पोषण पुनर्वास केंद्र तक लाया जा रहा है. लेकिन यहाँ बिस्तरों की संख्या पर्याप्त नहीं होने से उन्हें जमीन पर ही सुलाया जा रहा है. दूसरा और तीसरा चित्र शिवपुरी जिले के पोहरी ब्लाक के पोषण पुनर्वास केंद्र का है. केवल १० बिस्तरों वाले इस केंद्र पर भी बच्चों को तरह तरह के जुगाड़ करके रखा गया है. चित्र में बच्चे को पलंग पर झुला बांधकर रखा गया है.
( पहला चित्र सतना जिले के पत्रकार मित्र अखिलेश शुक्ला के सोजन्य से , दूसरा और तीसरा चित्र राकेश मालवीय )
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