भोपाल की किसी बस्ती में रहने वाला बच्चा सामने की टेबल पर आकर बैठ गया। समोसा लिया और खाने लगा। मैंने पूछा तो कहा "घर में गैस खत्म हो गई है। माँ ने पैसे दिए हैं।" बहुत पूछने पर बताया कि "पिताजी तो मर गए। "माँ झाड़ू पोछा करके तीन बच्चों को पाल रही है। स्कूल नहीं जाता अभी। जाने को कह रहा है इस साल। मैने तीन बार उससे पूछा 'एक समोसा और खा ले यार तेरी भूख नहीं मिटी होगी। ' तीनो बार मना कर गया। जाते जाते मुस्कुरा गया। हम झुग्गी के बच्चों के बारे में क्या सोचते हैं सामान्यतः ?
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