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Snake World: 15 साल से ब्रेकफास्ट में लेता है सांपों का जहर !


रायपुर। भगवान शंकर ने समुद्र मंथन से निकले हलाहल को निगला था, लेकिन एक ऐसा भी आदमी है जो पिछले 15 साल से जहरीले सांपों का जहर पी रहा है। अब तक उसके ब्लड ग्रुप का भी पता नहीं लगाया जा सका है। इसे जहरीले नाग ने भी डसा, लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ। आखिर कौन है यह शख्स, कैसे पीता है सांप के जहर को। जानिए इस रिपोर्ट में।



छत्तीसगढ़ के जशपुर जिला के बांसाझाल निवासी पीलूराम साय सुबह होते ही जंगल की ओर निकल जाता है। वह ऐसा अपना प्यास बुझाने के लिए करता है। तब उसके हाथ में एक कांच की शीशी और चावल होता है।

चावल के कुछ दाने वह शीशी में डालता है। जैसे ही उसे कोई जहरीला सर्प दिखता है, उसे वह पकड़ता है और उसका जहर सीधे शीशी में निकालता है। इसके बाद सांप को छोड़ देता है।

जहर से चावल के दाने भीग जाते हैं। इसके बाद वह उसे बड़े ही चाव के साथ खाता है। वह कहता है कि जिस दिन वह ऐसा नहीं कर पाता उसे असहज लगता है। कुछ साल पहले उसे एक नाग ने डस लिया था तब भी उसे कुछ नहीं हुआ। हालांकि डॉक्टरों ने तत्काल उस अंगुली को काट दिया जहां नाग ने डसा था।

पीलू कहता है कि जब वह छोटा था। तब गांव के एक बुजुर्ग ने उसे बताया था कि सांप का जहर पीने से वह हमेशा स्वस्थ रहेगा। इसके बाद से उसे इसकी लत लग गई।



पीलू की पत्नी धनवंती का कहना है कि जब शादी हुई तो उसे सांप का जहर पीते देख डर लगता था। कई बार टोकती रहती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। जब किसी के घर में सांप घुस जाता तो निकालने के लिए लोग उसे ही बुलाते हैं।

वह सर्प देखकर पहचान जाता है कि वह कितना जहरीला होगा। इसी के आधार पर वह उसका जहर निकालता है। वह 15 सालों में कभी बीमार तक नहीं पड़ा। अब उसकी जहर की खुराक भी धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है।

क्षेत्र में सांपों के संरक्षण के लिए काम कर रहे एक एनजीओ के सचिव शांतनू शर्मा कहते हैं कि पीलू राम का नाम गिनीज बुक में भी दर्ज करवाया जा सकता है तो उसे स्नेक पार्क में भी काम दिया जा सकता है।

जशपुर के तपकरा को नाग लोक कहा जाता है। यहां करैत प्रजाति के सर्प सबसे अधिक पाए जाते हैं। सरकार ने यहां स्नेक पार्क खोलने की योजना बनाई थी, लेकिन अब तक इस पर कोई काम नहीं हो पाया।

Content: Dilip Jaiswal, dilip is working for dainik bhaskar group in Raipur, you can send feedback him directly on dreporter@gmail.com . ( rakesh Malviya)

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